इंसानियत हर दौर में क्यों बरहम नज़र आती है??
हयात ए इंसानी परेशान ही क्यों इस क़दर नज़र आती है??
लगी किसकी नज़र है जो हर खुशी खा जाती है??
सिसकियां आह ओ बुका करती हर तरफ़ नज़र आती है??
फिर भी क्यों ये अपने आप से इंसाफ करती नज़र नही आती है??
झूठ धोखा फरेब करती हुई एक दूसरे से हर पल क्यों नज़र आती है ??
तरस ख़ुद अपने आप पर बिल्कुल भी क्यों ये नहीं आती...
लगी किसकी नज़र है जो हर खुशी खा जाती है??
सिसकियां आह ओ बुका करती हर तरफ़ नज़र आती है??
फिर भी क्यों ये अपने आप से इंसाफ करती नज़र नही आती है??
झूठ धोखा फरेब करती हुई एक दूसरे से हर पल क्यों नज़र आती है ??
तरस ख़ुद अपने आप पर बिल्कुल भी क्यों ये नहीं आती...