//ग़ज़ल// बह्र-२१२२ १२१२ २२/११२
कौन है जो सुखी है दुनिया में
दूर सबसे ख़ुशी है दुनिया में
पोंछता क्यों नहीं कोई आँसू
इक नदी बह रही है दुनिया में
कौन अपना है और पराया कौन
ज़िन्दगी ढूँढती है दुनिया में
आदमी आदमी का...
दूर सबसे ख़ुशी है दुनिया में
पोंछता क्यों नहीं कोई आँसू
इक नदी बह रही है दुनिया में
कौन अपना है और पराया कौन
ज़िन्दगी ढूँढती है दुनिया में
आदमी आदमी का...