Aa na...!💕
आ ना!
वहीं गोद है
वहीं सुकून
वही लोरी
वहीं हाथ तो नहीं रहें
थोडी सिलवटे है
और थोडे कप-कपाते भी है
पर तुझे वहीं लाड से खिला सकती हुं
इन धुंदली आंखो में
अब भी तेरे बचपन को बसता हुए देखा है
तेरे पहले मां पुकारने से लेके
तेरे पहले कदम तक
तु तो बहुत व्यस्त हैं अब
जानती हुं इसलिए तेरे बचपन की शरारते
तेरे खिलोने को सुना दिया करती हुं
और सोचती हुं
आ ना !
© HeerWrites
वहीं गोद है
वहीं सुकून
वही लोरी
वहीं हाथ तो नहीं रहें
थोडी सिलवटे है
और थोडे कप-कपाते भी है
पर तुझे वहीं लाड से खिला सकती हुं
इन धुंदली आंखो में
अब भी तेरे बचपन को बसता हुए देखा है
तेरे पहले मां पुकारने से लेके
तेरे पहले कदम तक
तु तो बहुत व्यस्त हैं अब
जानती हुं इसलिए तेरे बचपन की शरारते
तेरे खिलोने को सुना दिया करती हुं
और सोचती हुं
आ ना !
© HeerWrites
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