Haqeeqat Aashna Mere
"हकीकत आशना मेरे
तुझे शायद खबर होगी
मुझे तेरी मुहब्बत ने
बहुत बुज़दिल बना डाला
मैं हर उस शेय से डरता हूँ
तुझे जो छीन सकता है
मैं उन लम्हों से डरता हूँ
जुदाई जिनमें रहती है
मैं उन अश्क़ों से डरता हूँ
जो बनकर याद बहते हैं
मैं उन लफ़्ज़ों से डरता हूँ
जो ख़ामोशी में रहते हैं
बिछड़ ने की मेरे हमदम
मैं हर सूरत से डरता हूँ
तुझे शायद खबर होगी
मुझे तेरी मुहब्बत ने
बहुत बुज़दिल बना डाला
हकीकत आशना मेरे
हकीकत आशना मेरे"