...

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गुमनाम🖤
लिखा था एक शेर भटक के गुमनाम हो गया..
छुपाना था जिसे वो ही सरेआम हो गया..!!

ये तेरा नहीं तेरे दीवानों का क़सूर होगा रहा..
था अच्छा भला शहर अब बदनाम हो गया..!!

चलो अब जो होगा सो होगा देखा जायेगा..
आज तो तेरा मिलना ही अनजाम हो गया..!!

मेरी शिकायतें भी महोब्बत हुआ करती थीं..
अब ये शिकवा करना भी इलज़ाम हो गया..!!

उन्हें जो खड़ा रखा हम ने पलकों पे रात भर..
ख़्वाबों में ना आना उन का इंतक़ाम हो गया..!!

बहुत बेसब्र हुए हैं 'KS' मिलने को उनसे..
कहते हैं अंधेरा ज़रा जल्दी सरेशाम हो गया..!!