...

4 views

इक तरफ़ा इश्क़...
इक तरफ़ा सा प्यार मेरा, तेरे आँखों में सुमार है
तू हस्ती तोह में हँसू, बेचैनी लफ्ज़ की धार है
कुछ केहना है तुझसे यार... बस केह नहीं में पाता हूं
तेरे आगे आते ही जाने क्यूँ, सारा जाहाँ में भूल जाता हूं
तन्हा सा तुझमे ठेहरा हूं , बस जान नहीं तू पाती है
तू ना जाने याद तेरी, किस कद्र मुझे सताती है
इक दिन समझेगी तू सायद, क्यूँ चलता रेहता पास तेरे
तुझे ना पाके भी गले लगाऊं, महसूस मुझे हैँ सांस तेरे
लम्हा लम्हा तुझको ढूंडू, तू ना मिले तोह झपे पलक
कुछ केहना है तुझसे यार.... बस खुलती नहीं क्यूँ मेरी हलक
तेरे आगे आजाना अचानक, यूँ मुझे डराती थी
बस क्या कहूं, कैसे में कहूं, ये सोच समय खाजाती थी
तू और किसीसे बात करे तोह धीरे से रोदेता था
आँखे लाल हुए पडती, जब चेहरा तेरा खोदेता था
नहीं जानता में की प्यार करे तू मुझको या ना करे,
महसूस मुझे पर होता है, की तुझपे ही मेरे रात ढले
है ख्वाइश तुझको यूँ चांहूं की आँख में तेरे बस जाऊं
मेरे अँधेरे रात में तुझको, चाँद की भांति में पाऊं
अब भी लिखता हूं खुदके लिए, तू देख भी ये ना पायेगी
सायद मेरे इकतरफ़ा इश्क़ की हवा ना तुझतक आएगी
घूंग्राले बाल, सावंला चेहरा, चस्मा आँख कौ ढक डाले
तू मेरी थी... मेरी ही रहेगी... मेरी है तेरी हंसती गालें...|

© Mr Emotional Shayar