...

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हिस्सा
#InvisibleThreads
इस जहां के परे एक जहां है कही
तू और मैं शायद मिलते वहीं।
शायद वही से निकले थे सफर में हम
मैं इस जहां और तू इस जहां के परे।

न सुन सके तुझे न छू सके ,
तेरे आगोश में इस दर्द में भी न रो सके ।
तू एक ख्वाब सा आया मेरी जिंदगी में ,
बस ख्वाबों के ही हम न हो सके ।

थी तेरे एहसास की इस कदर तड़प मुझे ,
अजनबियो में तलाश तेरी शक्शियत की मुझे ।
शायद एहसास हो जाए तुझे मेरी मौजूदगी का ,
बस उम्मीद का दामन पकड़के रखना था मुझे ।

हम मिले मगर दूर से ,
तेरे करीब पहुंचे मगर मजबूर से ।
कुछ...