ए मेरे गांव
लोग कहते है के इस शहर की पहेचान हु मैं
ए मेरे गांव तेरी मिट्टी पे कुर्बान हु मैं
तेरी मासूम सी इस गोद ने पाला है मुझे
ठोकरे जब भी लगी तूने संभाला है मुझे...
ए मेरे गांव तेरी मिट्टी पे कुर्बान हु मैं
तेरी मासूम सी इस गोद ने पाला है मुझे
ठोकरे जब भी लगी तूने संभाला है मुझे...