6 views
मोहब्बत हो गई है
ख़ुदा की हम पर ख़ास रहमत हो गई है,
हमें उनसे उन्हें हमसे मोहब्बत हो गई है।
मोहब्बत की इनायत जो हुई हम पर,
लगता है जैसे कि क़यामत हो गई है।
मुल्तफ़ित हो जाएंगे हम भी सोचा न था,
दीवानों सी अपनी भी हालत हो गई है।
है ये दीवानगी कि है इश्क़ का बुखार,
ये किस तरह की हमें हरारत हो गई है।
हर हसरत हर मसर्रत है उनके ही दम से,
चाहत उनकी शरीक-ए-इबादत हो गई है।
ता-उम्र उनके पहलू में बितानी है ज़िंदगानी,
शिकवा नहीं अब शुक्र की आदत हो गई है।
मुल्तफ़ित - आकर्षित
मसर्रत - खुशी
हमें उनसे उन्हें हमसे मोहब्बत हो गई है।
मोहब्बत की इनायत जो हुई हम पर,
लगता है जैसे कि क़यामत हो गई है।
मुल्तफ़ित हो जाएंगे हम भी सोचा न था,
दीवानों सी अपनी भी हालत हो गई है।
है ये दीवानगी कि है इश्क़ का बुखार,
ये किस तरह की हमें हरारत हो गई है।
हर हसरत हर मसर्रत है उनके ही दम से,
चाहत उनकी शरीक-ए-इबादत हो गई है।
ता-उम्र उनके पहलू में बितानी है ज़िंदगानी,
शिकवा नहीं अब शुक्र की आदत हो गई है।
मुल्तफ़ित - आकर्षित
मसर्रत - खुशी
Related Stories
14 Likes
4
Comments
14 Likes
4
Comments