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नदी के दो किनारे
दूर होके भी पास रहते नदी के दो किनारे
उम्र भर साथ चलते एक दूसरे के सहारे
दूर से तुम देखो दूर से हम निहारे
दूर होके भी साथ चलते एक दूसरे के सहारे
कहने को तो एक ही है दीखता कहा दुरी है
उन्हें पता है कुछ न कह पाने की कितनी मजबूरी है
अरमान मचलते अनगिनत दिल के आसियाने मे
सारे वक़्त यूँ ही गुजार लेते खुद को बहलाने मे
कभी जो लहरे टकराये तो एहसास जगाये सीने मे
साथ होके दूर रहना कितना मुश्किल है जीने मे
लबों को खामोश करते अपने ही जज्बात से
ख्वाहिशे भी दबने लगते जाने ऐसे हालात से
उनकी नही कोई चाहत सब लोग यही जानते है
जरूरत नही साथ है वो उन्हें दूर कहा मानते है
पर उनकी कभी ना मिट पाने वाली ऐसी दुरी है
साथ हो के भी दूर रहना उनकी यही मजबूरी है
उम्र भर साथ चलते एक दूसरे के सहारे
दूर होके भी पास रहते नदी के दो किनारे
उम्र भर साथ चलते एक दूसरे के सहारे
दूर से तुम देखो दूर से हम निहारे
दूर होके भी साथ चलते एक दूसरे के सहारे
कहने को तो एक ही है दीखता कहा दुरी है
उन्हें पता है कुछ न कह पाने की कितनी मजबूरी है
अरमान मचलते अनगिनत दिल के आसियाने मे
सारे वक़्त यूँ ही गुजार लेते खुद को बहलाने मे
कभी जो लहरे टकराये तो एहसास जगाये सीने मे
साथ होके दूर रहना कितना मुश्किल है जीने मे
लबों को खामोश करते अपने ही जज्बात से
ख्वाहिशे भी दबने लगते जाने ऐसे हालात से
उनकी नही कोई चाहत सब लोग यही जानते है
जरूरत नही साथ है वो उन्हें दूर कहा मानते है
पर उनकी कभी ना मिट पाने वाली ऐसी दुरी है
साथ हो के भी दूर रहना उनकी यही मजबूरी है
उम्र भर साथ चलते एक दूसरे के सहारे
दूर होके भी पास रहते नदी के दो किनारे
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