ए मेरे वतन के लोगों
1. ऐ मेरे वतन के लोगों खूब लगा लो नारे तुम, यह शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा तुम, (डॉ. श्वेता सिंह) पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गवाएं , कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर ना आए। 2.तीन रंग का नहीं यह ध्वज देश की शान है, हर भारतीय के दिलों का स्वाभिमान है, यहीं है गंगा, यहीं है हिमालय, यहीं हिंद की जान है, और तीन रंगों में रंगा हुआ यह अपना हिंदुस्तान है। 3. अगर माटी के पुतले देह में ईमान जिंदा है। तभी इस देश की समृद्धि का अरमान जिंदा है। भाषण से है उम्मीदें ना वादों पर भरोसा है। शहीदों की बदौलत मेरा हिंदुस्तान जिंदा है। 4.एक सैनिक ने क्या खूब कहा है किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूं, मेरी नन्हीं सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूं। मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ए भारत मां, मैं अपनी मां की बाहों को तरसता छोड़ आया। 5. तीन युवा परिन्दें उड़े तो आसमान रो पड़ा,
वो हंस रहे थे मगर ये सारा जहाँ रो पड़ा,
जियें तो खुब जिये और मरे तो खुब मरे,
महा विदाई पर सतलुज का शमशान रो पड़ा।।
गर्दनो के गुलाबों से किया माँ का अभिषेक,
ओज भरी बलिदानी पर सारा हिंदुस्तान रो पड़ा। 6.मैं इसका हनुमान हूं ,यह देश मेरा राम है, छाती चीर के देख लो अंदर बैठा मेरा प्यारा हिंदुस्तान है।(डॉ. श्वेता सिंह)
© Dr.Shweta Singh
वो हंस रहे थे मगर ये सारा जहाँ रो पड़ा,
जियें तो खुब जिये और मरे तो खुब मरे,
महा विदाई पर सतलुज का शमशान रो पड़ा।।
गर्दनो के गुलाबों से किया माँ का अभिषेक,
ओज भरी बलिदानी पर सारा हिंदुस्तान रो पड़ा। 6.मैं इसका हनुमान हूं ,यह देश मेरा राम है, छाती चीर के देख लो अंदर बैठा मेरा प्यारा हिंदुस्तान है।(डॉ. श्वेता सिंह)
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