"उम्मीदों के परिन्दे"
उम्मीदों के परिन्दे हमारी ख़्वाहिशों को समेटकर
हमारे कल्ब़ के फलक़ पर हर लम्हा उड़ा करते हैं!!
शब-ओ- सहर...
हमारे कल्ब़ के फलक़ पर हर लम्हा उड़ा करते हैं!!
शब-ओ- सहर...