raat hote hi....
फिर मेरा दिन उग आया रात होते ही,
फिर में खुद में लौट आया रात होते ही,
फिर एक महफ़िल सजी तन्हा होते ही,
फिर चमका अँधेरा मेरा रात होते ही,
फिर पुरे दिन का हाल सुनाया दीवारों को,
फिर वो रो पड़ी मेरे संग रात होते ही,
फिर आग लगा...
फिर में खुद में लौट आया रात होते ही,
फिर एक महफ़िल सजी तन्हा होते ही,
फिर चमका अँधेरा मेरा रात होते ही,
फिर पुरे दिन का हाल सुनाया दीवारों को,
फिर वो रो पड़ी मेरे संग रात होते ही,
फिर आग लगा...