मुस्कान
#स्मृति_कविता
बिखरी हंसी की किरणों में,
सपनों की उड़ान भरती है।
खुशियों की बगिया में,
वो चंचल तितली सी मचलती है।
हर कदम पर उसकी लय,
फूलों की गंध सी महकती है।
उसकी खिलखिलाहट में,
जैसे रागिनी झूमती है।
आँखों में चमकते तारे, ...
बिखरी हंसी की किरणों में,
सपनों की उड़ान भरती है।
खुशियों की बगिया में,
वो चंचल तितली सी मचलती है।
हर कदम पर उसकी लय,
फूलों की गंध सी महकती है।
उसकी खिलखिलाहट में,
जैसे रागिनी झूमती है।
आँखों में चमकते तारे, ...