...

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दामन ख़ाली है मेरा
दामन ख़ाली है मेरा, खुशियों से वंचित हूँ,
खुद को खो बैठी हूँ, अपनी तलाश में खुदा से डरी हूँ।

ज़िंदगी की राहों में, खोजती हूँ मैं खुद को,
पर दिखती नहीं है मंज़िल कहीं, खुदा से गुज़री हूँ।

चाँदनी रातों में, तारों की रोशनी में,
खो गई हूँ खुद में, खुदा से राज़ करी हूँ।

दुआएँ करती हूँ मैं, दिल से खुदा से मिलने की,
दामन ख़ाली है मेरा, अपनी राह में खुदा समझी हूँ।
© Simrans