...

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तुम्हारा होने की चाह रखते है
वो कहते है तुम्हारा होने की चाह रखते है।
ना जाने फिर भी क्यों हमसे दूरी रखते है ।
मन के हर पन्ने पर तो अपनी छाप रखते है ।
फिर भी ना जाने कौन सी पहचान छुपाए रखते है ।
वो कहते है तुम्हारा होने की चाह रखते है ।
एक पल में हजारों एहसास की बरसात सा बरसते है।
करीब ना होकर हर पल करीब होने का हुनर रखते है।
हमारी नजर के हर कोने में छोटे कतरे से चमकते है।
वो हमें नजरो से हमारा होने का वादा करते है।
वो कहते है तुम्हारा होने की चाह रखते है।