...

4 views

दुख अपना-अपना
पैसों वाला दुखी कि मैं इन्कम टैक्स कैसे बचाऊं ,
गरीब बोले समझ नहीं आता कि मैं रोटी कहां से लाऊं ।

बेऔलाद दुखी कि बच्चों के बिना कैसा जीना ,
भगवान अगर लड़की ही देदे तो लोहड़ी मैं मनाऊं ।

लड़के वाला दुखी कि बेटा नशे में है पड़ गया ,
इसका अब मैं किस लड़की के साथ ब्याह रचाऊं ।

लड़की वाले दुखी कि पश्चिमी सभ्यता ने है बर्बाद किया ,
मैं इनको क्लब, फोन और फैशन से कैसे बचाऊं।

मंत्रियों का दुख हर जगह से कैसे कमाऊं ,
फिर क्या पता मैं दोबारा राजनीति में कब आ पाऊं ।

मरीज़ ये सोचकर दुखी कि डाक्टर की फीस कैसे बचाऊं ,
डाक्टर का दुख मरीज़ का बिल कैसे बढ़ाऊं ।

अध्यापक दुखी कि बच्चों के कारण मेरा रिजल्ट अच्छा नहीं बना ,
बच्चें ये सोचकर दुखी कि मैं आज किस बहाने छुट्टी कर जाऊं ।

पक्षियों का दुख कब मनुष्य जैसे कार चलाऊं ,
मनुष्य दुखी कि कब मैं पक्षी बन आसमान में उड़ जाऊं ।

भागदौड़ और आधुनिक तकनीकों ने दुखी किया है सबको ,
दुख कवि का कि नई कविता मैं किसको बैठकर सुनाऊं ।



© All Rights Reserved