...

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एक तरफा सही.. (हक से)
इश्क जो मतलबी नहीं था
झूठे वादों, बातों से परे था|

मैं उसे एक बार जो देख लेता तो दिन मेरा बन जाया करता था
एक अरसा हो गया उसे देखे आंखों सामने

जो अगर फिर कभी मिली तो बताऊंगा तुम्हें की सपनों में तुम्हें नहीं देखा करता हूं अक्सर

दरवाजे बंद किए थे मैंने...