...

5 views

स्कूल के दिन
स्कूल के दिन थे वो जब स्कूल से घर आया करते थे सब दोस्त मिलकर संगीत गाते हुए आते थे। स्कूल के दिन थे वो सफर का पता नहीं चलता था कब घर पहुंचे। स्कूल के के दिन थे वो जब अध्यापक कक्षा में टेस्ट लेते कुछ याद नहीं होता था तब दोस्तो कि कांपी से नकल करते थे ।
स्कूल के दिन थे वो तब नकल के बाद भी अध्यापक अच्छे नम्बर देते थे बढ़े खुश होते थे ।
स्कूल के दिन थे वो जब अध्यापक कांपी चैक करने के बाद कांपी में गुड देते थे।
स्कूल के दिन थे वो जब अध्यापक के मिले हुए गुड से खुश हुआ करते थे । दोस्त आपस में कहते थे ज्यादा गुड मत लो कांपी में वरना चीटियां लग जाएगी ।
स्कूल के दिन थे वो जब कांपी में मिले गुड से खुश हुआ करते थे। अब बाज़ार के गुड़ में चीटियां नजर आती है।
बाज़ार कि गुड खरीदने पर खुशी नहीं मिलती ,स्कूल के दिन थे वो तब कांपी में गुड मिलने से खुश हुआ करते थे।
स्कूल के दिन कि वो यादे है मेरी कभी-कभार ऐसी बचपन की यादे ताजा हो जाती है एक सुकून- सा मिलता है बचपन की यादो को ताजा करके स्कूल के दिन थे ।