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फौजी
फौजी

मै महज समझ पाती थी
एक फौजी की जिंदगी
उसे महसूस तब कर पाई
जब था उस वर्दी में मेरा भाई
यूं तो बहुत इज्जत की नौकरी है
पर मेरे भाई इनको
बाकी सबकी तरह वो हक कौन दे पाता है।
बहुत टूट जाती हूं अंदर से
पर हंस देती हूं उसके सामने से
जब वो अपने घर को छोड़ कर जाता है
बहन हू ना
मान भी बहुत करती हूं उसके फौजी होने पे
क्युकी वो देश के उन लोगो के प्रति अपना
कर्तव्य निभा रहा है
जिनकी वजह से ये संसार चैन की नींद सो रहा है।
बहुत बुरा लगता है उसे भी
जब वो अपना घर छोड़ कर जाता है
पर वो करे भी क्या
उसके सामने तो उसका देश खड़ा है।
कमजोर पडू भले ही कितना
उसे हिम्मत भी देती हूं
तू सम्भाल जाकर अपना देश
इस घर के लिए अभी मैं बाकी हूं।
ये नम आंखे मां बाबा की
और दरवाजे की पीछे मेरी भाभी की
इन सबको हसाने के लिए मै काफी हूं।
तेरी जगह और तेरा प्यार तो नहीं दे पाऊंगी
पर इस ज़िम्मेदारी को दिल से निभाऊंगी
तू रहना बेफिक्र
मै तेरा मान बढ़ाऊंगी,
तू करना देश की सेवा
मै अपना घर चलाऊंगी ।।
जानती हूं होती है महज बहुत तकलीफे तुझे वहां
पर ये बात मां बाबा को बता उनका
दिल नहीं दिखाऊंगी।
तू पड़े कमजोर किसी वजह से
ऐसा वक़्त ना दिखाऊंगी
तू ना भी आ पाया राखी पर
मै वो प्यार का धागा खुद बांध लूंगी ।
एक फौजी की बहन हूं
फौजी की महज तकलीफों और त्यागो
से इस दुनिया को अवगत करवाऊंगी।
क्या क्या अकेले सहन कर लेता है वो
इसका परिचय भी करवाऊंगी
और तो कुछ नहीं मांगती दुनिया वालो
पर देश की सच्ची सेवा और कुर्बानी
देने वालो के लिए आपसे अनुरोध तो करूंगी।
जो मां, बाप ,बीवी ,बहन और बेटी दूर रहते है
उनसे तो फ़रियाद करूंगी
समझा सकों दुनिया को तो जरूर समझा देना
क्या होती है एक फौजी की वर्दी।।



© ansu jannat

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