...

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शीर्षक - मैं✨
इस सफर ने सिखाया, मुझे इतना कुछ हैं।
यकीन होता नहीं, क्या ये भी सच है।
कलम और किताब हाथ में लिए मैं,
उकेर देती हुँ, मन के विचार कागज पर।
जब पढ़ती हूँ उन्हें तो, खुशी होती है,
मैं लिखती रहूगी यूँ ही उम्र भर ।

मुझे पसंद हैं, वो छोटी- छोटी बातें ,
जिनसे मुझे खुशी मिलती है,
हर एक पल मेरे मन मे, एक कविता विचरति है ।
मैं जैसी भी हूँ मेरी मातारानी मेरे साथ रहती हैं,
एक अच्छे- सच्चे दोस्त की तरह मेरे पास रहती हैं ।

जितना भी मैं दुनिया को समझ रही हूँ,
उतना ही मैं, नई उलझनों में...