...

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बरसात में......🌧️🌧️❤️
बरसात में कुछ हैसियत से बाहर के मेरे ख़्वाब .....संग तुम्हारे
तो कभी बरसात की बूंदों का सहारा लेकर बहते आंसू मेरे
तो कभी बरसात में कुछ खट्टे मीठे ख़्वाब बुनते नैना मेरे
तो कभी कभी बरसात में झगड़े मिटते से हमारे
तो कभी इन ठंडी पूर्वाहियों में याद आते romantic से पल वो हमारे
और कभी बस बरसात में भीगते भीगते याद कर तुझे खिलखिलाकर मुस्कुराते लब मेरे

बरसात की बूंदों की छुअन हर उस क्षण को छू लेती हैं जो हमने इन कुछ वर्षों में साथ बिताए दूर –पास ,हसीं –मज़ाक, दुख– सुख , बाते –चुप्पी ,तुम्हारा क़रीब आना –तुम्हारा दूरी बनाना

ये बरसात की बूंदे याद दिलाती हैं गुजरे पल हमारे......।।

© shayra