मुर्दों की बस्ती
सन्नाटे का शोर था ,
सड़क सुनसान पड़ी थी .....!!
अश्रु और स्वेद से लथपथ ,
लहुलुहान वो लड़की ,
अपनी ही लाश को
घसीटती ले जा रही थी !
हाँ !! वो जान चुकी थी
कि ये मुर्दों की बस्ती है,
चौराहो पर खुलेआम
आबरू लुट जाती...
सड़क सुनसान पड़ी थी .....!!
अश्रु और स्वेद से लथपथ ,
लहुलुहान वो लड़की ,
अपनी ही लाश को
घसीटती ले जा रही थी !
हाँ !! वो जान चुकी थी
कि ये मुर्दों की बस्ती है,
चौराहो पर खुलेआम
आबरू लुट जाती...