वो ख्वाब अभी बाकी है
उम्र के साथ अड़चने बढ़ती गयी
दूरियों में भी नज़दीकियां बढ़ती गयी
मेरी हर कोशिशें अबस हो गयी
शायद तुझसे बात करने की तलब हो गयी
जो कर रहे है शायद सही है
पर कभी कभी हार बात याद आती है
जो सजाये थे सपने साथ
वो क़ौल याद आती है
तुझे जितनी दूर जाना है चला जा
वक़्त आने पर बन्द किताब को खोलूंगी
तेरे बिना इज़्न के ही
अपनी हर बात बोलूंगी
तुझसे करने को बहुत बात अभी बाकी है
जो देखे थे सपने साथ
उनको पूरा करने के लिए
वो ख्वाब अभी बाकी है
© Bhanu
दूरियों में भी नज़दीकियां बढ़ती गयी
मेरी हर कोशिशें अबस हो गयी
शायद तुझसे बात करने की तलब हो गयी
जो कर रहे है शायद सही है
पर कभी कभी हार बात याद आती है
जो सजाये थे सपने साथ
वो क़ौल याद आती है
तुझे जितनी दूर जाना है चला जा
वक़्त आने पर बन्द किताब को खोलूंगी
तेरे बिना इज़्न के ही
अपनी हर बात बोलूंगी
तुझसे करने को बहुत बात अभी बाकी है
जो देखे थे सपने साथ
उनको पूरा करने के लिए
वो ख्वाब अभी बाकी है
© Bhanu