कब खुद को भूल गए
तेरी निगाहें पढ़ते पढ़ते
कब खुद को समझना भूल गए,
तेरी मुस्कुराहट में छुपे गम को महसूस करते-करते
कब खुद की तकलीफ़ को भूल गए
तेरी बातें सुनते सुनते
कब खुद से बात करना भूल गए
तुझसे मोहब्बत करते-करते
कब खुद से मोहब्बत करना भूल गए
पता भी ना चला तेरे रंग में कब...
कब खुद को समझना भूल गए,
तेरी मुस्कुराहट में छुपे गम को महसूस करते-करते
कब खुद की तकलीफ़ को भूल गए
तेरी बातें सुनते सुनते
कब खुद से बात करना भूल गए
तुझसे मोहब्बत करते-करते
कब खुद से मोहब्बत करना भूल गए
पता भी ना चला तेरे रंग में कब...