...

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इतिहास का एहसास
इतिहास के सफहों में दर्ज होने जा रहा था मेरे मन का ये एहसास,
हम भी अनजान बन दूर से ये तमाशा‌-ए-आम, एक खास देखते रहे,

फ़कीरा रक्स करने की ख़्वाहिश लिए ढूँढ रहा उस नूर अफ़साने को,
पता चला इस माहताब को सुकूँ मिलता है उस एक पल की ख़ुशी में,

हसरत से देख लेते हैं उस हुजूम को हम, ये एक मेरा हमनशीं जो है वहां,
अरविंद मान ले हकीकत के लम्हे को, ख़्वाब ये किसी और का,तेरा तो नहीं है I

-✍️ Arvind Akv