मन....💤💤
मन,तू घूम रही है कहा ??
चल अब बहुत हुआ,
अब इधर आ !
ना लघु तू, ना पर्वत है,
फिर तुझसे डरें क्यों ??
जीवन की ना समझ तुझे,
अब बहुत हुआ,
अब इधर आ !
कागज़ पर लिखी लेख हैं क्या तू ?
या शब्दो में बोली वाणी है,
या...
चल अब बहुत हुआ,
अब इधर आ !
ना लघु तू, ना पर्वत है,
फिर तुझसे डरें क्यों ??
जीवन की ना समझ तुझे,
अब बहुत हुआ,
अब इधर आ !
कागज़ पर लिखी लेख हैं क्या तू ?
या शब्दो में बोली वाणी है,
या...