...

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तू मेरे जैसा हो
कब चाहा कि ऐसा हो
तू मेरे जैसा हो
आईना देखूं तो, कोई और दिखे
हां मैं ही होता तो अच्छा था
मुझ में भी एक बच्चा था
बचपन न जाने कहा खो गया
क्यों मैं सायना हो गया
भरी दुपहरी खेला खेल
तपती छत पे नंगे पाव
पकड़म पकड़ाई, ऊंच नीच,
आइस बाइस या लंगड़ी टांग
चाहे शहर हो या गांव
वो ही दिन अच्छे थे जब हम बच्चे थे
ज़िंदगी की हापा धापी में
मैं न जाने कहा खो गया
हां मैं सायना हो गया।।


© soulstorybyswati