...

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प्यार हमेशा ही रहेगा
वो मेरा तुमसे बेजिझक सब कह देना
वो मेरा तुम्हारे साथ "मैं" रहना
याद आता है अक्सर मुझे
कभी हसाता है तो कभी रुलाता है मुझे

काश वो वक़्त लौट के वापस आ सकता
काश तुमने मेरे जज़्बातों को समझा होता
पर देखो ना दिल कैसा पागल है
अब तक आस लगाए बैठा है कि
कभी तो तुम्हें मेरी कमी खलेगी
कभी तो तुम्हारी रूह मेरा नाम लेगी

ख़ास थे हो और रहोगे सदा
तुम तो बदल गए
पर वो यादें ना होंगी कभी मुझसे जुदा
कभी देखा होता इन आंखों को गौर से
किया होता अगर मेरे लफ़्ज़ों पर गौर
तो जान पाते तुम क्या हो मेरे लिए

मैं जो साथ तुम्हारे था
वैसा ना बन पाऊंगा फ़िर कभी
जुदा जो हुआ हूं तुमसे
मैं अब ख़ुद से ना मिल पाऊंगा कभी
और बात करूं गर इश्क़ की तो
जैसा तुमसे हुआ है किसिसे ना होगा कभी

© rõõh