फिर मिलेंगे हम
हम दूर हुए हैं जुदा नहीं,
यह सह लेंगे हम।
दोस्त, गर खुदा ने चाहा,
फिर मिलेंगे हम ।
कोई कुएं तो नहीं है कि,
हिल भी न सकें।
पत्थर से बन गये तो क्या,
जरूर हिलेंगे हम ।
...
यह सह लेंगे हम।
दोस्त, गर खुदा ने चाहा,
फिर मिलेंगे हम ।
कोई कुएं तो नहीं है कि,
हिल भी न सकें।
पत्थर से बन गये तो क्या,
जरूर हिलेंगे हम ।
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