...

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#बोझ
बिखर गया आँखों का काजल
ऐसी गम की बरसात हुई
मुरझाए वो जो बालों में फूल सजाए
ऐसी मायूसी की बात हुई
कोई देखने आया था चाँद जमीन का
कह गया की में अमावस की रात हुई
पक्के रंग से फ़िक्के पड़गए सरे गुण
जिमेदार बेटी से अचानक में बोझ हुई

© khush rang rina