ग़ज़ल...
बहुत बुरे हैं ना हम, अब हम से दूर रहिए
मान लिया तू है मजबूर, तो मजबूर रहिए
हमें पता हैं, तू हमसे बिछड़ के खुश नहीं
बेनूर हो गया है तू, मगर अब बेनूर रहिए
तेरे पीछे...
मान लिया तू है मजबूर, तो मजबूर रहिए
हमें पता हैं, तू हमसे बिछड़ के खुश नहीं
बेनूर हो गया है तू, मगर अब बेनूर रहिए
तेरे पीछे...