...

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ज़रूरत
खिल उठा हूं मैं,
पाकर कुछ ऐसा।
जिसको विलक्षण कह देना,
किसी भी प्रकार गलत ना होगा।।
विद्वत्ता, सरलता व समझ है जिसके मूल में,
इसमें सीखने की बात ही बिल्कुल अलग है।
इस स्थिति से साक्षात्कार में,
रुचि है सबसे ही ज़रूरी।।