रामे क बरखा ह रामे क छाता
पटरा पे चदरा बिछाय जालें सुती ।
खाए के नून भात मरचा आ रोटी ।
जिनिगी गरीब के अस होरहा भुजाता ।
त रामे क बरखा ह रामे क छाता ।।
मजूरे क देह मेह मारेला तान के ।
सेतिहा क हइये बा जांगर किसान के ।
पांजर में कांकर...
खाए के नून भात मरचा आ रोटी ।
जिनिगी गरीब के अस होरहा भुजाता ।
त रामे क बरखा ह रामे क छाता ।।
मजूरे क देह मेह मारेला तान के ।
सेतिहा क हइये बा जांगर किसान के ।
पांजर में कांकर...