ग़ज़ल
राधा राणा की कलम से ...✍️
इक निवेदन है हमारा जिंदगी से।
ना किया कर तू मुहब्बत हर किसी से।
पूछ ना इस इश्क की जादूगरी तू,
लूट लेता है सभी को सादगी से।
लिख लिया कर कुछ ग़ज़ल,कुछ शायरी तू,,
ना कहा कर दर्द अपना यूं सभी से।
यह तो बस शुरुआत है 'मुश्किल सफ़र' की,
खो रहे हो हौंसला तुम तो अभी से।
इस क़दर धोखा धडी होने लगी है,
आदमी डरने लगा है ,आदमी से।
2122 2122 2122
इक निवेदन है हमारा जिंदगी से।
ना किया कर तू मुहब्बत हर किसी से।
पूछ ना इस इश्क की जादूगरी तू,
लूट लेता है सभी को सादगी से।
लिख लिया कर कुछ ग़ज़ल,कुछ शायरी तू,,
ना कहा कर दर्द अपना यूं सभी से।
यह तो बस शुरुआत है 'मुश्किल सफ़र' की,
खो रहे हो हौंसला तुम तो अभी से।
इस क़दर धोखा धडी होने लगी है,
आदमी डरने लगा है ,आदमी से।
2122 2122 2122
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