#लालसा_की_प्रतिध्वनि
बेताब निगाहें तलाश में जिसके
भटकती रही यूंही गली - गली
वो ख्वाहिशों के बाजार का
इकलौता सौदा हो तुम
तुम्हें खरीद कर बेघर हो जाऊं
तुम्हें पाने को इतना व्याकुल हूं
बिको जो तुम किसी बाजार में
उच्च कीमत का खरीदार हो जाऊं
हृदय में सिवाय तुम्हारे तमन्ना किसी की नही
हो जो किसी और की तमन्ना तो मृत हो जाएं