...

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जंजीर और सपने

इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
घर वालो से लड़ के
मां से मुह मोड़ के
आ गयी मैं एक नई दुनिया में
पर मां तुमने ही तो बोला था
जंजीरो से तुम्हारी बेटी कभी बंधेगी नहीं
सपनों से बड़ी जंजीरे नहीं
लेकिन मां भेज दिया तुमने ये कहके जा बेटा सपना पूरा कर
पर माँ तुम्हारे बिना मेरा सपना पूरा कैसे हो सकता है
कैसे समझाएं तुमको मां तुम हो तो सपना है और नहीं हो तो सपना भी सपना है

© miss pandey