...

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मेरे अल्फाज़ मेरा हाल
लोग कहते है ,
में शायरी लिखता हूं

लेकिन असल में ,
में अपने दिल का हाल लिखता हूं ।

में अल्फाज़ नहीं,
मेरे जज़्बात लिखता हूं ।

में अपने हर जज़्बात में
उसे लिखता हूं,

में उसे कैसे समझाऊं की
में उसे कितना प्यार
कितनी मोहब्बत करता हूं ।

मेरी हर शायरी में
उसका नाम न हो लेकिन
हर शायरी की एक एक लफ्ज़
उसके बिना अधूरे ही रह जाते है ।

लोग कहते है ,
में शायरी लिखता हूं

लेकिन असल में ,
में अपने दिल का हाल लिखता हूं ।

© alfazo_ki_duniya_17