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testimonial to pallavi kumari
नव पल्लव सी कोमल
तुम हो ..
पर लिखते अल्फ़ाज़ रसीले
नही जबाब तुम्हारा है कोई
लेखनी सरस्वती सी होई
हर लफ्ज़ में सीख पड़ी है
तुम डट मुकाम पर खड़ी है
कर पूरे अरमान जो सारे
बन अम्बर के प्यारे तारे
चूमो गगन सितारे
हौसला भरा ढेरो सारे
तुम जज्बात की धनी हो
लेखनी तुम्हारी कभी न रुके
हर क्षेत्र में इरादे पक्के।।
तुम हो ..
पर लिखते अल्फ़ाज़ रसीले
नही जबाब तुम्हारा है कोई
लेखनी सरस्वती सी होई
हर लफ्ज़ में सीख पड़ी है
तुम डट मुकाम पर खड़ी है
कर पूरे अरमान जो सारे
बन अम्बर के प्यारे तारे
चूमो गगन सितारे
हौसला भरा ढेरो सारे
तुम जज्बात की धनी हो
लेखनी तुम्हारी कभी न रुके
हर क्षेत्र में इरादे पक्के।।
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