...

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सफर प्यार की
था कोई जिस पर हक था और प्यार भी,
ईमान भी था और अभिमान भी।
दिल से जुड़े जज्बात थे, और रिश्ते पर था गुरुर,
एक वादा मोहब्बत का और एक साथ निभाने का भी।

वो जो दिल के करीब था,
वो जो मुझे मुझसे ज़्यादा समझता था।
मेरी हंसी की वजह था वो, और आंसुओं का सहारा भी,
साथ उसका ताकत थी मेरी, और आदत भी।

दिल में एक सुकून था और अपनापन का एहसास भी,
खयालों में भी उसे खोने का डर था।
फिर भी भरोसा था उसकी बातों पर,
और उम्मीद थी वादा न टूटने का भी।
सपना था अपनी एक दुनिया का,
और...