परित्राण्य
कलाई रंगधाग से लिपटी हुई, हथेली में बनाई नई चाल है
लड्डू चोरी का है अभियोग,उसकी सुरक्षा का बड़ा भार है
हसी पहुंच ही जाती,लड़ाई झगड़ा ये तो रोज का मेहमान है
नसीब नहीं है,खोटिस बनना नहीं,सत्य का भी,परित्राण्य है
वो बातों पर टोकना,पापविचार अभेट हो,हराहो पर रोकना
जिसकी हिस्सेदारी भी नाहो,जानकर, पेट काटकर घोटना
जिसकी डोली उठ...
लड्डू चोरी का है अभियोग,उसकी सुरक्षा का बड़ा भार है
हसी पहुंच ही जाती,लड़ाई झगड़ा ये तो रोज का मेहमान है
नसीब नहीं है,खोटिस बनना नहीं,सत्य का भी,परित्राण्य है
वो बातों पर टोकना,पापविचार अभेट हो,हराहो पर रोकना
जिसकी हिस्सेदारी भी नाहो,जानकर, पेट काटकर घोटना
जिसकी डोली उठ...