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तेरी गोद में
तेरी गोद में सिर रखकर,
सोना चाहता हूं मैं।
होके सबसे जुदा,
सिर्फ़ तेरा होना चाहता हूं मैं ।
बाहों में तेरी सोना चाहता हूं मैं,
लिपटकर तुझसे रोना चाहता हूं मैं।।
आंखें खुले तो सिर्फ़,
तुम्हें ही देखना चाहता हूं मैं।
तुम्हारी यादों को,
हर जगह लेखना चाहता हूं मैं।।
तुम्हारी लब्ज़ों की खामोशियों
को पढ़ना चाहता हूं मैं।
हाथों में तेरी,
मेहंदी गढ़ना चाहता हूं मैं।।
बाहों में तेरी यू ही,
रहना चाहता हूं मैं।
तेरे संग यू ही सफर में,
बेहना चाहता हूं मैं।।
तेरी गोद में सिर रखकर,
सोना चाहता हूं मैं।
होके सबसे जुदा,
सिर्फ तेरा होना चाहता हूं मैं....
© Aman Sri
#WritcoPoemPrompt42
सोना चाहता हूं मैं।
होके सबसे जुदा,
सिर्फ़ तेरा होना चाहता हूं मैं ।
बाहों में तेरी सोना चाहता हूं मैं,
लिपटकर तुझसे रोना चाहता हूं मैं।।
आंखें खुले तो सिर्फ़,
तुम्हें ही देखना चाहता हूं मैं।
तुम्हारी यादों को,
हर जगह लेखना चाहता हूं मैं।।
तुम्हारी लब्ज़ों की खामोशियों
को पढ़ना चाहता हूं मैं।
हाथों में तेरी,
मेहंदी गढ़ना चाहता हूं मैं।।
बाहों में तेरी यू ही,
रहना चाहता हूं मैं।
तेरे संग यू ही सफर में,
बेहना चाहता हूं मैं।।
तेरी गोद में सिर रखकर,
सोना चाहता हूं मैं।
होके सबसे जुदा,
सिर्फ तेरा होना चाहता हूं मैं....
© Aman Sri
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