...

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सरेआम
मैंने देखा वोह खून से लथपथ और लाल थी
सहमी और डर से परेशान थी
आवाज लगाई तोह पलटी वोह
पत्ता लगा वोह भी इज्जत और लाज थी
जो सरेआम और नीलाम थी
थोड़ी देर बाद सबके हाथ मोमबत्ती की आग थी
कुछ दिनों बाद पता चला
इस दरिंदगी मै कुछ बाहुबली और सम्राट थी
चुप थी वोह मा और बाप खुद परेशान थी
मै बस लिखता रहा क्यों की मै खुद इस चीज का ज़िमेदारी थी
उठी नहीं आवाज मेरी क्युकी मै डरा हुआ और आम थी
हुकूमत से आगे सब नीलाम थी
क्या बीती होगी उस चिंगारी पे जो अभी केवल एक आग थी
बस क्षमता की हो गई परीक्षा अब शोले और अंगार थी
अब बस होगी फैसले जिसके पास अंदर से हथियार थी

🙏😐
© rsoy