...

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क्या ही...
क्या ही कर लूंगी मैं तुम्हे दुःख देकर,
क्या ही पा लूंगी मैं तुम्हे मुझसे दूर कर कर,
क्या ही मिल जाएगा मुझे तुम्हे सबके सामने शर्मिंदा कर कर,
क्या ही खुशी मिलेगी मुझे तुम्हे रुला कर।
तुमसे ज्यादा किसी ने कभी कुछ नही किया है मेरे लिए,
मेरी हर नन्ही मुस्कान के लिए बस तुमने ही लड़ा है शाम सवेरे,
किसी और से ज्यादा प्यार हमेशा ही किया है तुमने मुझसे,
बेशक तुमसे अच्छा कोई और कभी हो ही नही सकता इस ब्रह्मांड में।
इतना करके भी आखिर में दुःख दे ही दिया मैंने,
अपनो ने ही पराया बना दिया आज तुम्हे,
माफी के अलावा और कुछ नही है मेरे पास कहने के लिए,
लेकिन तुम्हे तुम्हारी सच्चाई का सबूत देने की जरूरत कभी नही पड़ेगी इसके आगे।
बस एक ही दुआ है मेरी की तुम जहा हो खुश रहो,
तुम्हे सबसे अच्छी ज़िंदगी और लोग प्रधान हो,
शायद इसके बाद हम कभी ना मिले लेकिन आज भी वही प्यार और प्रेम है मेरा तुम्हारे लिए।
Sorry 🙏
© Sanskruti Jiwankar