...

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क्या ही...
क्या ही कर लूंगी मैं तुम्हे दुःख देकर,
क्या ही पा लूंगी मैं तुम्हे मुझसे दूर कर कर,
क्या ही मिल जाएगा मुझे तुम्हे सबके सामने शर्मिंदा कर कर,
क्या ही खुशी मिलेगी मुझे तुम्हे रुला कर।
तुमसे ज्यादा किसी ने कभी कुछ नही किया है मेरे लिए,
मेरी हर नन्ही मुस्कान के लिए बस तुमने ही लड़ा है शाम सवेरे,
किसी और से ज्यादा प्यार...