...

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khalipan ...
खाली पन को अपने भरते हैं,
फिर तुझे याद करते हैं,

ये ज़िन्दगी देखो पैमानो जैसी,
छलक जाते है जल्द ही तो आधे जाम भरते हैं,

उदास नहीं पर क्या कहूँ तुझसे,
सीधे रास्तों पर तेरी खातिर भटकते हैं,

नहीं हो पायेगा पहले से पता था ये इश्क मुकम्मल,
हमें तो देखना था ये सफ़ीने प्यार में किनारों पर कैसे डूबते हैं,

बाद ज़माने कहता हे "जावेद" भूल गया कमाने में,
कहा यही तो मज़ा है बिन पिए तेरे ग़म भुलाने में...

© y2j