कहानी तेरी मेरी !
दिन आज कल ऐसे गुजर रहा है
जैसे दिल दिमाग से उतर रहा कोई
गम ए हिज्र का दौर चल रहा जानी
देख तेरे खयालों में मर रहा कोई
गांव से शहर तक कहर सन्नाटे का
वहा रूप रंग सजी बिखर रहा कोई
सफर ए हयात का राह पता नही
तेरे दीदार ए हुस्न सबर रहा कोई
इक निगाह ने तुझे लूटा है JOGES
चाह तेरे बिछड़ने से डर रहा कोई
एहतमाम कर ले आखरी सफर तेरी
सदियों से इश्क में बेखबर रहा कोई
© Quotes - of - joges
जैसे दिल दिमाग से उतर रहा कोई
गम ए हिज्र का दौर चल रहा जानी
देख तेरे खयालों में मर रहा कोई
गांव से शहर तक कहर सन्नाटे का
वहा रूप रंग सजी बिखर रहा कोई
सफर ए हयात का राह पता नही
तेरे दीदार ए हुस्न सबर रहा कोई
इक निगाह ने तुझे लूटा है JOGES
चाह तेरे बिछड़ने से डर रहा कोई
एहतमाम कर ले आखरी सफर तेरी
सदियों से इश्क में बेखबर रहा कोई
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