कहानी तेरी मेरी !
दिन आज कल ऐसे गुजर रहा है
जैसे दिल दिमाग से उतर रहा कोई
गम ए हिज्र का दौर चल रहा जानी
देख तेरे खयालों में मर रहा कोई
गांव से शहर तक कहर सन्नाटे...
जैसे दिल दिमाग से उतर रहा कोई
गम ए हिज्र का दौर चल रहा जानी
देख तेरे खयालों में मर रहा कोई
गांव से शहर तक कहर सन्नाटे...