सब कुछ है तूम्हारे अंदर बाहर क्या तक रहे
सुकून की तलाश में जो तुम हो भटक रहे
वो है तुम्हारे अंदर ही बाहर क्या तक रहे ?
क्यू ढूंढते हो तुम मुस्कुराने का जरिया ,
अपने खुद के अंदर झाक के देख
सब है तुम्हारे पास तो बाहर क्या तक रहे?
मिल जाएगा...
वो है तुम्हारे अंदर ही बाहर क्या तक रहे ?
क्यू ढूंढते हो तुम मुस्कुराने का जरिया ,
अपने खुद के अंदर झाक के देख
सब है तुम्हारे पास तो बाहर क्या तक रहे?
मिल जाएगा...