मन की बात
जहां चाहिए ढेरों लालसा
ढेरों याचना ढेरों उल्लास
पर बैठे लोग दे रहे थे
एक दूसरे को ढाढस दिलासा मात।
सब दु:खी थे
ओंठो पर बिना लिए मुस्कान
बैठकर एक साथ
कर रहे थे मन की बात।
खूब कमाओ बना लो
जिंदगी भर मेरे आपके लिए
अंत में लौट कर आना है
सभी को इसी घाट।
क्या लगता है ?
शैय्या पर पड़े असहाय
जी पाओगे रह शांत ?
यह सोच कर !
खूब बनाया बड़े मकान
धनो का भंडार ,...
ढेरों याचना ढेरों उल्लास
पर बैठे लोग दे रहे थे
एक दूसरे को ढाढस दिलासा मात।
सब दु:खी थे
ओंठो पर बिना लिए मुस्कान
बैठकर एक साथ
कर रहे थे मन की बात।
खूब कमाओ बना लो
जिंदगी भर मेरे आपके लिए
अंत में लौट कर आना है
सभी को इसी घाट।
क्या लगता है ?
शैय्या पर पड़े असहाय
जी पाओगे रह शांत ?
यह सोच कर !
खूब बनाया बड़े मकान
धनो का भंडार ,...