##Glimpse of humanity"★★★★
एक कहानी सभी को समर्पित।बात उन दिनो की है जब मे अपनी माता का ईलाज करा था अस्पताल मेरे लिए अनजान था और मे अकेला ही अपनी माता जी का ईलाज करा रहा था एक महिला थी जो हमारे बराबर मे ही ईलाज करा रही थी स्वभाव से दयालु थी हेरानी की बात यह थी की जिस.महिला का वो ईलाज करा रही थी वह महिला बोल नही सकती थी लेकिन दोस्तों.उस महिला का.स्नेह ने मुझे झकझोर कर दिया की उसके बारे मे जितना भी. कह....