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पिता ✍️✍️✍️
पिता कभी कहता नहीं वो तुम्हारे लिए क्या क्या करता है
तुमको सुख देने के हर पथरीले रस्ते पर चुपचाप चलता है
तुम्हारे चेहरे को चुपचाप निहार कर सुकून कर लेता है
तुम्हारे चैन के लिए पिता अपनी नींद का खून कर लेता है
पिता से बेहतर दिखावा आपके जीवन में कोई नहीं करता
लाख दर्द होने पर भी दर्द बांटने में साफगोई नहीं रखता
खुद गिरकर तुमको ऊपर उठाने का जज्बा पिता रखता है
जब पिता होता है तो माथे पर खुशकिस्मत लिखा रहता है
जब पिता साथ हो तो गरीबी तुमसे आँख नहीं मिला पाती
तुम्हारे सपने अधूरे रह जाएंगे ये एहसास नहीं दिला पाती
पिता वो भगवान् है जिसका आशीर्वाद बेअसर नहीं जाता
पिता का साया यदि हो तो बच्चा कभी बेकदर नहीं रहता
पिता की गोद किसी राज सिंघासन से कम नहीं होती
इच्छाओं की झोली भरी और आखें कभी नम नहीं होती
और क्या लिखूँ क्या कोई सागर का जल नाप सकता है
एक पिता ही है जो तुम्हारे व्यथित मन को ढाँप सकता है
पिता जो भी हैं जैसे भी हैं तुम्हारी चहुँओर प्रगति की डोर हैं
पिता न होतो घनघोर अँधेरा और हो तो सुबह की भोर है

© VIKSMARTY _VIKAS✍🏻✍🏻✍🏻